हम पंकज आष्टनकर, दशरथ पांचाल और प्रितम मडावी का उदाहरण ले सकते हैं , जो उन्होंने कुछ साल पहले एम आई लाइफस्टाइल मार्केटिंग कंपनी को जॉइन किया था । आज वो महीने के पांच लाख रुपये से दस लाख रुपये महीने के कमा रहे हैं। यह आज उन हजारों लोगों को प्रेरित करते है , जो अपने जिंदगी में सपने पूरा करना चाहते हैं, स्वस्थ और फिट रहना चाहते हैं । पंकज आष्टनकर, दशरथ पांचाल और प्रितम मडावी एम आई लाइफस्टाइल मार्केटिंग ग्लोबल की क्रिएटर्स ग्रुप टीम के ऐसे प्रेरणादायक युवा हैं , जो भारत के युवाओं के लिए प्रतीक बन गए हैं ।
पंकज आष्टनकर, दशरथ पांचाल और प्रितम मडावी ऐसे कई युवा हैं , जो अपने पैशन को पूरा करने के लिए हर कोशिश करने को तैयार हैं । इंडिया की बड़ी इकोनॉमी में इन सेल्फ - एंटरप्रेन्योर की बड़ी हिस्सेदारी को तस्दीक करने वाले कई आंकड़े आए हैं , जो हमें चौंकाते हैं । बीसीजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक , 57 पर्सेट युवाओं की सोच गिग इकोनॉमी को लेकर पॉजिटिव है । वे सैलरीड इंप्लॉयीज के मुकाबले आजादी से काम करना पसंद करते हैं । इस सेक्टर की अभूतपूर्व ग्रोथ से यह पता चलता है कि युवा किस तरह नए मौकों और रास्तों का फायदा उठाना चाहते हैं ।
युवा अपने उद्देश्य के प्रति प्रेरित होकर अपने लक्ष्य को लेकर गंभीर हैं । वैल्यूज के लिए उनमें लगाव है । उनकी जिज्ञासा , टेक्नोलॉजी एक साथ कई काम करने की क्षमता और नई सोच, जल्द सीखने की प्रवृत्ति इन्हें इन्हें बहुत अच्छा नेटवर्कर्स बनाती हैं , जो डायरेक्ट सेलिंग के लिए सही चॉइस है । यह उन्हें एंटरप्रेन्योरशिप के रास्ते पर चलने को प्रेरित करता है और तेजी से बढ़ती गिग इकोनॉमी में अहम भूमिका निभाता है ।
डायरेक्ट सेलिंग क्यों ?
पैशनप्रेन्योर्स : युवा अपने शौक को पूरा कर व्यक्तिगत खुशी हासिल कर पूरी जिंदगी जीने के लिए खुद को समर्पित कर देते । इनमें फिटनेस , हेल्थ , ब्यूटी , एडवेंचर , कुकिंग, आर्टिस्ट आदि शामिल हैं । डायरेक्ट सेलिंग पैसिव इनकम कमाने का मौका देती है । युवाओं को अपनी स्किल के इस्तेमाल से पैसा कमाने और सामाजिक दायरा बढ़ाने का मौका देती है । एम आई लाइफस्टाइल मार्केटिंग ग्लोबल में प्रितम मडावी एक युवा हैं , जिन्होंने फैशन , फिटनेस , ट्रैवल और मोटिवेशनल स्पीकर बनने के अपने पैशन को पूरा करने का फैसला किया । हजारों लोग यूट्यूब, फेसबूक पर फॉलो करते हैं।
ट्रेडिशनल मार्केट में ग्रोथ रेट बहोत कम है, मेहनत ज्यादा करने के बाद भी मनचाही इनकम नही मिलती। लेकिन डायरेक्ट सेलिंग में आपकी ग्रोथ इस बात पर निर्भर करती है कि ..आप जितनी मेहनत करोगे उतनी तरक्की मिलेगी । अगर किसी व्यक्ति के पास अच्छी जरूरी स्किल हैं तो वह दूसरों को प्रोडक्ट्स या सर्विसेज बेचकर अच्छी कमाई कर सकता है । अगर किसी के पास नॉलेज नही है तो वह कुछ ही हफ्तों में इन्हें सीख सकता है । किसी समय और कहीं से भी काम करने की फ्लेक्सिबिलिटी : डायरेक्ट सेलिंग 9 से 5 तक काम के घंटों तक सीमित नहीं है । इससे युवाओं को सामाजिक जिंदगी के लिए काफी आजादी और फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है । अगर सेलर मोटिवेटेड है तो वह ओनरशिप के साथ कभी भी काम कर सकता है ।
अगर ऊपर बताई गई बातें आप अपने अंदर पाते हैं तो आपको डायरेक्ट सेलिंग में होना चाहिए । और कई दूसरे लोगों की तरह आप एंटरप्रेन्योरशिप की अपनी महत्वाकांक्षा पूरी कर सकते हैं। डायरेक्ट सेल्लिंग में कॅरिअर पाने के लिए सही ब्रांड से शुरुआत करना होगी , जो अपने क्षेत्र में अगुआ हो । ऐसा ब्रांड जिसकी इंडियन में मार्केट में विरासत हो और जिसने लाखों को सशक्त बनाने में बड़ा रोल निभाया हो । यही वजह है कि कई युवाओं ने एम आई लाइफस्टाइल मार्केटिंग का रुख किया है । कई तरह के विश्व - स्तरीय क्वॉलिटी प्रोडक्ट्स के साथ आई लाइफस्टाइल मार्केटिंग ने अपने खास ग्राहकों के बीच बतौर ब्रांड मजबूत पहचान बनाई है । हेल्थ केयर के साथ साथ स्किल को बढ़ाने के लिए डिजिटल प्रोडक्ट भी लाये हैं।
सेहत को लेकर जागरूक युवाओं को उद्यशीलता के लिए मिला रास्ता
पिछले दशक में युवाओं के बीच अपने हेल्थ और वेलनेस पर ने का ट्रेंड रहा है । नील्सन की एक स्टडी बताती है युवा फ्यूचर में ज्यादा मेडिकल एक्सपेंडिचर से बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपना रहे हैं । हेल्थ को लेकर जागरूकता बढ़ने से न्यूट्रिशन , वेलनेस , सेल्फ केयर प्रोडक्ट्स की डिमांड काफी बढ़ी है । कई लोग इसके लिए ज्यादा पैसे देने को भी तैयार हैं । नंब रिसर्च के डेटा से पता चलता है कि आज करीब 44.4 करोड़ भारतीय युवा हेल्थ और वेलनेस प्रोडक्ट्स और सर्विसेज पर हर महीना औसतन 4,000 रुपये खर्च कर रहे हैं ।
इससे साफ तौर पर पता चलता है कि सेल्फ - केयर अब युवाओं के बीच कितना अहम हो गया है । खासकर ऐसे समय जब दुनिया कोरोना की महामारी से बेहाल है । इस अभूतपूर्व मांग को देखते हुए भारत में वेलनेस मार्केट बहुत तेजी से बढ़ रहा है । बढ़ती मांग के चलते प्रिवेंटिव हेल्थकेयर का अहमियत भी बढ़ी है । हाई - क्वालिटी न्यूट्रिशनल प्रोडक्ट्स को लेकर जागरूकता सिर्फ जेनजेड तक सीमित नहीं है बल्कि यह सभी उम्र वर्ग के लोगों तक पहुंच गई है । बीसीजी कोविड -19 कंज्यूमर सेंटिमेंट सर्वे 2020 के मुताबिक , कोविड -19 से पहले के समय के मुकाबले अब 28 फीसदी से ज्यादा लोग न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं ।
यह लोगों में हेल्थ , इम्यूनिटी और सेहतमंद रहने की बढ़ती चाहत के लिए न्यूट्रिशन की तरफ बढ़ते झुकाव का प्रमाण है । ऐसे में न्यूट्रीलाइफ, कवचप्राश जैसे एम आई लाइफस्टाइल मार्केटिंग के प्रोडक्ट्स ने मार्केट में अपनी मजबूत जगह बनाई है । इसी तरह दूसरे हर्बल और नेचुरल प्रोडक्ट्स ऐसे उत्पादों की बढ़ती मांग के साथ 8 साल से कम के एम आई लाइफस्टाइल मार्केटिंग ने हाई क्वालिटी प्रोडक्ट्स के साथ भारतीय उपभोक्ताओं की मांग पूरी करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं । एम आई लाइफस्टाइल के आंकड़ों से पता चलता है कि इसके 53 पर्सेट से ज्यादा उपभोक्ता 35 साल से कम के हैं । इससे हर्बल उत्पादों की मजबूत मांग का पता चलता है । महामारी के बाद सेहतमंद जिंदगी के लिए हर्बल उत्पादों की अहमियत और बढ़ी है ।
एंटरप्रेन्योरशिप के लिए तीन जरूरी चीजों के साथ एम आई लाइफस्टाइल युवाओं पैशन को पूरा करने में मददगार बनना चाहती है इनमें गिग इकोनॉमी में बढ़ोतरी , उपभोक्ताओं के बीच स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती जागरूकता और ऑनलाइन कम्युनिटी का बढ़ता आकार शामिल हैं आई लाइफस्टाइल के सीईओ कैलाश भट्टड ने कहा कि एम आई लाइफस्टाइल ने प्रोड्क्ट ऑफर करने के मामले में खुद को रणनीतिक और मजबूत तरीके से पेश किया है । इसने युवाओं के उद्यमी बनने की चाहत को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभाई है ।