करेंसी में अपना पैसा लगाने वाले तमाम लोगों की नींद उड़ने वाली है. दरअसल भारत सरकार जल्द हीCrypto Currency को पूरी तरह बैन करने वाली है।
संसद के शीतकालीन सत्र में पेश होने वाले नए विधेयकों की सूची में Crypto Currency से जुड़ा बिल 10वें नंबर पर है. इसमें साफ लिखा है कि भविष्य में भारत सरकार द्वारा जारी Crypto Currency को छोड़कर सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक।
शीतकालीन सत्र में आएगा क्रिप्टो पर बिल
संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने वाले इस बिल का नाम है- द क्रिप्टोकरंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021। इसका मकसद भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी को बैन करना भी है।
हालांकि कुछ डिजिटल मुद्राएं जिनकी तकनीक इसमें महत्वपूर्ण है, उन्हें छूट दी जा सकती है। ये कौन सी Crypto Currency होंगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन एक बात साफ है कि अगर यह बिल कानून बन गया तो भारत में क्रिप्टो करेंसी का बाजार हमेशा के लिए बदल जाएगा।
क्रिप्टो के इस्तेमाल में भारतीय आगे
भारत में क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों की संख्या भारत की जनसंख्या का लगभग 8 प्रतिशत है। इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपये को ऐसी डिजिटल करेंसी के रूप में दांव पर लगा दिया है, जिसे अभी तक भारत में मान्यता नहीं मिली है और जिस पर सरकार प्रतिबंध लगाने जा रही है. पूरी दुनिया में क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल करने में भारतीय सबसे आगे हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के शहरों में रहने वाले करीब 19 फीसदी लोग आने वाले 6 महीनों में किसी न किसी Crypto Currency में निवेश करना चाहते हैं। इनमें सबसे अधिक 19 से 35 वर्ष आयु वर्ग के युवा हैं। ये वो युवा हैं जो रातों-रात अमीर बनने की चाह में लॉटरी की तरह क्रिप्टो करेंसी पर सट्टा लगा रहे हैं।
डिजिटल करेंसी को रेगुलेट करने की जरूरत
पिछले हफ्ते गुरुवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पूरी दुनिया के लोकतांत्रिक देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह नए जमाने की डिजिटल करेंसी गलत हाथों में न जाए. अगर ऐसा हुआ तो कई युवाओं का भविष्य बर्बाद हो जाएगा। क्रिप्टो करेंसी पर भारत के प्रधानमंत्री का यह पहला बयान है।
वर्तमान में, पूरी दुनिया में प्रचलन में 7 हजार से अधिक विभिन्न क्रिप्टो सिक्के हैं। ये एक प्रकार के डिजिटल सिक्के हैं, जबकि वर्ष 2013 तक दुनिया में केवल एक ही Crypto Currency थी, जिसका नाम बिटकॉइन था। इसे साल 2009 में लॉन्च किया गया था। बिटकॉइन आज भी भारत समेत पूरी दुनिया में सबसे लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी है, जिसकी कीमत साल 2010 में 75 पैसे भी नहीं थी। आज तक यह कीमत करीब 46 लाख रुपये है।
यानी अगर कोई व्यक्ति 11 साल पहले साढ़े सात रुपये में 10 बिटकॉइन खरीदता तो वह आज की तारीख में 4 करोड़ 60 लाख रुपये का मालिक होता। Crypto Currency की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं और तेजी से घट रही हैं। लेकिन ज्यादातर युवा जल्दी अमीर बनने की चाह में ये जोखिम उठाने को तैयार हैं।
हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम न तो क्रिप्टो के समर्थन में हैं और न ही हम इसके खिलाफ हैं। इससे जुड़े तमाम तथ्य हम आपके सामने रख रहे हैं।
क्रिप्टो खानों की सीमित संख्या हो सकती है
ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी एक ऐसे एल्गोरिथम पर काम करती है, जिसके कारण हर बार सीमित संख्या में ही नए सिक्कों का खनन किया जा सकता है। इसलिए बाजार में कितनी करेंसी आएगी, यह पहले से ही पता चल जाता है। उदाहरण के लिए, अब तक 90 प्रतिशत बिटकॉइन का खनन किया जा चुका है। लोग अक्सर उस चीज को ज्यादा खरीद लेते हैं, जो भविष्य में दुर्लभ हो सकती है और यही कारण है कि क्रिप्टो करेंसी की कीमत में अचानक से बढ़ोतरी हो जाती है।
इसके अलावा यह पूरा बाजार सट्टा यानी अनुमान एक तरह की सट्टेबाजी पर आधारित है। इसलिए जब दुनिया का कोई बड़ा उद्योगपति अचानक किसी क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाता है या उसकी तारीफ करता है तो उसकी कीमत तुरंत बढ़ने लगती है। इसी तरह जब एक क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा लेन-देन में किया जाता है और लोग इससे रोजमर्रा का सामान खरीदने लगते हैं तो इसका चलन बढ़ जाता है और इसकी कीमत बढ़ने लगती है।
चीन ने Crypto Currency पर प्रतिबंध लगाया
दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने बड़ी संख्या में क्रिप्टो करेंसी खरीदी है। जब ये लोग अचानक से अपनी क्रिप्टो करेंसी बेचने लगते हैं तो मार्केट क्रैश हो जाता है। इसके अलावा अन्य कारणों से भी ऐसा होता है। उदाहरण के लिए चीन ने हाल ही में क्रिप्टो करेंसी के माइनिंग पर पूरी तरह से रोक लगा दी है और यह खबर आते ही दुनिया भर में क्रिप्टो करेंसी की कीमतें तेजी से गिरने लगी हैं।
पूरी दुनिया में क्रिप्टो का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 30 करोड़ से ज्यादा है जो अमेरिका की आबादी से थोड़ा ही कम है. इस समय पूरी दुनिया में 75 लाख करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी है और यह इस समय दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी करेंसी बन गई है।
क्रिप्टो के भी अपने खतरे हैं। भारत में क्रिप्टो को अभी तक मान्यता नहीं मिली है लेकिन इस समय भारत में कम से कम 10 क्रिप्टो एक्सचेंज काम कर रहे हैं। ये एक तरह का Digital Wallet है, जिसमें आप कुछ पैसे भारतीय रुपये में जमा करते हैं, फिर उनसे क्रिप्टो करेंसी खरीदते हैं और इन एक्सचेंजों पर आप क्रिप्टो करेंसी भी बेच सकते हैं। इससे आपको जो भी नुकसान या लाभ होता है, आप उस राशि को अपने बैंक खाते या किसी UPI आधारित डिजिटल वॉलेट में भी ट्रांसफर कर सकते हैं।
कई बैंक क्रिप्टो को नहीं पहचानते हैं
भारत में कई बैंक और डिजिटल भुगतान कंपनियां क्रिप्टो में लेनदेन की अनुमति नहीं देती हैं। अभी भारत में इसे नियंत्रित करने के लिए कोई कानून नहीं है, जैसे आज आप सोना खरीदते हैं और उस पर सरकार का नियंत्रण नहीं होता, वह भी ऐसा ही होता है। आप कह सकते हैं कि भारत में क्रिप्टो करेंसी अभी एक करेंसी नहीं बल्कि एक एसेट है, जिसमें लोग निवेश कर रहे हैं।
साल 2018 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी, लेकिन साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस बैन को हटा दिया. इसी वजह से पिछले 2 सालों में भारत में बड़ी संख्या में लोगों ने क्रिप्टो को खरीदना शुरू किया और इसके दाम भी बढ़ने लगे।
क्रिप्टो करेंसी इसलिए भी खतरनाक है क्योंकि जिस डिजिटल एक्सचेंज पर इसका इस्तेमाल होता है उसे हैक किया जा सकता है। यानी आपका सारा पैसा एक झटके में अपराधियों के हाथ लग सकता है. ड्रग डीलरों और अन्य अपराधियों ने भी क्रिप्टो में लेनदेन करना शुरू कर दिया है और इसका उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग में भी किया जा रहा है क्योंकि इसकी जांच करना लगभग असंभव है।
पश्चिम के कई देशों में प्रतिबंधित नहीं
अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और यूरोप के अधिकांश देशों में इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इनमें से कई देशों के सेंट्रल बैंकों ने इसे मान्यता नहीं दी है, फिर भी इन देशों में आप Crypto Currency देकर कई तरह के सामान खरीद सकते हैं। दुनिया के कम से कम 76 देशों में इसकी एटीएम मशीनें भी लगाई जा चुकी हैं। इस साल सितंबर में, दक्षिण अमेरिका देश अल सल्वाडोर क्रिप्टो को पूरी तरह से वैध बनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया।
वहीं चीन, तुर्की, मिस्र, ईरान, इराक, कोलंबिया, इंडोनेशिया और रूस समेत कई देश ऐसे हैं जहां क्रिप्टो का इस्तेमाल पूरी तरह से गैरकानूनी है। चीन और तुर्की में Crypto Currency खरीदने वालों के खिलाफ एंटी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है।